रिपोर्टर राजकुमार गुप्ता
(ठूूूूठीबारी/ महाराजगंज)
ठूूूूठीबारी। भारत- नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर 136 वीं नारायणी गंडकी महा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि थरुहट की ऊंची शिक्षा ग्रहण करने वाली पहली महिला आशा देवी, विशिष्ट अतिथि निर्माता- एचेल थारू, राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी, मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद, एडिटर एवं महिला समाजसेवी स्वरांजलि सैगम, आचार्य पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी, नेपाल से आए नारायण पंडित, हिरिमती देवी एवं संध्या देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि शिक्षिका आशा देवी ने कहा कि इस कार्यक्रम में मुझे कई बार आने का मौका मिला है, कार्तिक पूर्णिमा कई कारणों से महत्वपूर्ण है ।आज के दिन ही गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते हैं। बेंगलुरु से आई एडिटर एवं महिला समाजसेवी स्वरांजलि ने कहा कि संगम तट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन कथा पूजा अर्चना में भाग लेना परम सौभाग्य की बात है। स्वरांजलि सेवा संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के रूप में मत्स्य अवतार का जन्म हुआ था। आज के दिन हम सभी पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का संकल्प लेते हैं। विशिष्ट अतिथि निर्माता- एचेल थारू ने कहा कि इस कार्यक्रम में मुझे पौधे एवं अंगवस्त्रम द्वारा सम्मानित भी किया गया है। जब तक मेरी जिंदगी है मैं तब तक इस महा आरती से जुड़ा रहना चाहता हूं। विजय कुमार ने कहा कि इस आयोजन द्वारा पौधारोपण का संदेश भी दिया जाता है। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी ने कहा कि संस्था द्वारा विगत 13 वर्षों से लावारिस दिव्यांग जनों को हर दिन भोजन दिया जाता है। जो सबसे बड़ी सेवा है। इंसानियत और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है । नेपाल से आए कर्मकांड के विशेषज्ञ नारायण पंडित ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। गायिका चांदनी कुमारी एवं गायक संगीत आनंद ने कई भजनों को प्रस्तुत किया।
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