महराजगंज। बरसात शुरू होते ही महराजगंज जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन सतर्क हो गया है। विशेष रूप से नौतनवा ब्लॉक क्षेत्र में जहां हर साल रोहिन नदी, महाव और बघेला नाले के उफान से दर्जनों गांव जलमग्न हो जाते हैं, प्रशासन ने इस बार पहले से तैयारी कर ली है। बाढ़ से निपटने के लिए नौतनवा ब्लॉक मुख्यालय पर पांच नावें उपलब्ध कराई गई हैं, जिन्हें जरूरत के मुताबिक प्रभावित गांवों में भेजा जाएगा।
नौतनवा ब्लॉक के अंतर्गत परसामलिक और बरगदवा क्षेत्रों से गुजरने वाला महाव और बघेला नाला तथा नौतनवा क्षेत्र की रोहिन नदी बरसात के मौसम में जब उफान पर होती हैं तो तबाही मच जाती है। खेत, सड़क, घर और आम जनजीवन जलमग्न हो जाता है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बाढ़ की आशंका को लेकर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
मैरून क्षेत्र की लंबी सूची, नाव से पहुंचाई जाएगी मदद
रोहिन नदी, महाव और बघेला नाले की बाढ़ की चपेट में आकर खैरहवा दूबे, झिंगटी, छितवनिया, देवघट्टी, चकरार, बेलहिया, सगरहवा, सेमरहना, मनिकापुर, कोहरगड्डी, दोगहरा, विशुनपुरा, जहरी, महरी, घोड़हवा, लुठहवा, रेहरा, बेलभार, मनिकौरा, परसा, भटोलिया, विषखोप, श्रीरामपुर, गंगापुर, गंगवलिया, करौता, चूड़िहारी, बरनहवा, चकदह, लालपुर, कल्याणपुर, शाहपुर, बगिया, पलिहरवा, महुलैना, घटवा, मरचहवा, जवहवा, मगरभौली, मोतीपुर, मधईडिह जैसे दर्जनों गांवों के मैरूण्ड हो जाने की संभावना बनी रहती है। प्रशासन ने इन गांवों को संवेदनशील मानते हुए नाव और राहत सामग्री भेजने की योजना तैयार कर ली है।
नौतनवा ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) अमित कुमार मिश्र ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। ब्लॉक मुख्यालय पर पांच नावें उपलब्ध करा दी गई हैं, जिन्हें आवश्यकता अनुसार तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के किनारे सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
समन्वय में जुटी टीमें
प्रशासन द्वारा राजस्व, स्वास्थ्य, पशुपालन, जलकल व आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त टीम गठित की गई है जो आपसी समन्वय से कार्य करेगी। साथ ही बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत शिविर स्थापित करने और जरूरी दवाइयों व भोजन की व्यवस्था के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
बाढ़ का खतरा, पर भरोसेमंद तैयारी
हर साल बाढ़ से जूझने वाले इन गांवों के लिए यह राहत की खबर है कि इस बार प्रशासन पहले से सतर्क है। नावों की तैनाती और विभागीय समन्वय से यह उम्मीद की जा रही है कि संभावित आपदा के समय लोगों को तत्काल मदद मिलेगी और जान-माल की हानि को रोका जा सकेगा।
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