महराजगंज। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर फरेंदा तहसील की ग्राम पंचायत मिश्रौलिया के दर्जनों ग्रामीणों ने सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि योजना के अंतर्गत की गई पात्रता जांच में भारी गड़बड़ी की गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि हल्का लेखपाल ने ग्रामप्रधान के दबाव में पक्षपातपूर्ण जांच की, जिससे कई अपात्रों को लाभ पहुंचाया गया और वास्तविक जरूरतमंदों को योजना से वंचित कर दिया गया। आरोप है कि जिन गरीबों के पास कच्चे या झोपड़ी जैसे मकान हैं, उनके घरों की फोटो आवास प्लस पोर्टल पर जानबूझकर अपलोड नहीं की गई। वहीं, पांच हजार रुपये की रिश्वत लेकर कई अपात्रों को लाभार्थी बना दिया गया।
दशरथ, बृजेश यादव, रामबेलास, कुबेर, मीरा, सरोज, विजय, कमलावती, सुराती, राम मुरारी और गेना देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत सचिव की दूसरी जांच में जिन 96 लोगों को पात्र घोषित किया गया, उनमें करीब 80 प्रतिशत लोग अपात्र हैं। इससे वास्तविक जरूरतमंदों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। ग्रामीणों ने डीएम से मांग की कि ग्रामसभा मिश्रौलिया में आवास प्लस ऐप के जरिए पंजीकृत 352 लाभार्थियों की पात्रता की जांच के लिए जिला स्तरीय टीम गठित की जाए और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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#प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनाओं में भ्रष्टाचार#
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