महराजगंज।प्रदेश सरकार द्वारा 5000 विद्यालयों को बंद किए जाने के निर्णय के विरोध में बुधवार को समाजवादी शिक्षक सभा ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। सपा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. शेषनाथ कन्नौजिया के नेतृत्व में शिक्षकों ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।
जिलाध्यक्ष डॉ. शेषनाथ कन्नौजिया ने कहा कि यह निर्णय गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और ग्रामीण तबकों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है। यह संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत प्रदत्त निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
सभा के अन्य वक्ताओं ने कहा कि विद्यालय बंद होने से लाखों बच्चों का नामांकन और उपस्थिति प्रभावित होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच पर गंभीर असर पड़ेगा। पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा संसाधनों की भारी कमी है, और ऐसे में विद्यालयों का बंद होना शिक्षा में असमानता को और बढ़ावा देगा। इसके अलावा बड़ी संख्या में शिक्षकों की नौकरियां भी खतरे में पड़ जाएंगी।
सपा शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता विद्यासागर यादव ने कहा कि यह निर्णय भारत सरकार की "सबको शिक्षा नीति", राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य एसडीजी-4 के भी विरुद्ध है। उन्होंने मांग की कि प्रदेश के हर गांव में कम से कम एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना अनिवार्य की जाए, शिक्षा का बजट बढ़ाया जाए और शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। साथ ही, इस निर्णय की न्यायिक और संवैधानिक जांच भी कराई जाए।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से श्रवण पटेल, कुंवर यज्ञदत्त पासवान, तेज बहादुर वर्मा, सतीश यादव, आफताब खां, सुनील त्रिपाठी, प्रणय गौतम, अमरनाथ यादव, अभिषेक कुमार, आलोक, अर्जुन यादव और डॉ. उमेश सहित कई शिक्षक नेता शामिल रहे।
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