ग्रामीणों ने सदियों से चली आ रही पुरानी परंपरा का किया निर्वहन
ठूठीबारी।
निचलौल तहसील क्षेत्र अंतर्गत पंचमुखी इटहिया शिवधाम मंदिर में दिन शुक्रवार को एक बार फिर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला। मंदिर परिसर स्थित गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग को श्रद्धालुओं ने परंपरागत रूप से जल में डुबाया, जिसके कुछ ही घंटों बाद क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई।
पुजारी ध्यान गिरी के अनुसार जब लंबे समय तक बारिश नहीं होती, तब श्रद्धालु शिवधाम में एकत्र होकर विशेष पूजा-पाठ और जलाभिषेक करते हैं। इसके बाद गर्भगृह स्थित शिवलिंग को पूरी तरह से जल में डुबो दिया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और ग्रामीणों का विश्वास है कि ऐसा करते ही इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और बारिश होती है। इस वर्ष भी कई दिनों से बारिश नहीं होने की वजह से क्षेत्र में सूखा जैसे हालात बनने लगे थे। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जल चढ़ाकर परंपरा का पालन किया और उसी दिन दोपहर बाद बारिश शुरू हो गई। श्रद्धालु इसे भोलेनाथ की कृपा मानते हैं।
इस दौरान लेखपाल अजय कुमार, राजू दुबे, मुन्ना गिरी,मोनू तिवारी समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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