महराजगंज। सदर सीएचसी में वृहस्पतिवार को डिप्थीरिया, पोलियो एवं खसरा रोग को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें डब्ल्यूएचओ के सर्वेलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ. विकास यादव ने चिकित्सकों को कई अहम जानकारी दी। कार्यशाला में पोलियो उन्मूलन एवं खसरा जनित रोग से मृत्यु को कम करने की विषय पर विशेष रूप से चर्चा की गई। डा. केपी सिंह ने कहा कि 15 वर्ष तक का कोई भी ऐसा बच्चा जिसका कोई भी अंग अचानक लुंजपुंज या कमजोर पड़ जाए या किसी भी उम्र का व्यक्ति जिसे पोलियो का संदेह हो एवं बुखार व शरीर पर लाल चिकत्तों के साथ खांसी होना खसरा का संदेह हो तो उसकी रिपोर्ट दें। वहीं पोलियो उन्मूलन की रणनीतियों, जिले में पोलियो का इतिहास, पोलियो कैसे फैलता है आदि की जानकारी देते हुए बताया गया कि पोलियो की शत-प्रतिशत पहचान का सबसे सरल उपाय मल की जांच कराना है। मल का नमूना लेने व जांच करने की तौर तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि पोलियो वायरस मिलने की आशंका 14 दिनों तक सबसे अधिक होती है। वैसे वायरस मल में दो महीने तक निकलते हैं, किन्तु उनके मिलने की संभावना धीरे-धीरे कम होते जाती है इसलिए तुरंत जांच जरूरी है। खसरा के बारे में कहा गया कि खसरे की बीमारी विषाणु के कारण होती है। जो विषाणु सिर्फ मनुष्य के शरीर में पाया जाता है। खसरा बहुत ही संक्रामक है। वहीं खसरा से होनेवाली मृत्यु दर कम करने की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही कार्य करने का प्रशिक्षण उपस्थित लोगों को दिया गया। डा. वीर विक्रम सिंह, डॉ. विपिन शुक्ला, डॉक्टर अंग्रेज सिंह, डॉक्टर अरुण गुप्ता, डॉक्टर श्याम बाबू, डॉक्टर मनोज कुशवाहा, डॉ. मुकेश गुप्ता, डॉ. वैभव चौधरी, डॉक्टर अखिलेश यादव, डॉक्टर नीरज कन्नौजिया, डॉ. राहुल सिंह आदि मौजूद रहे।
( 0 ) - Comments