महराजगंज। घुघली क्षेत्र के पकड़ियार, विशुनपुर, कोटिया और मेदिनीपुर गांवों में बीते दो महीनों से तेंदुए की चहलकदमी से लोग भयभीत हैं। शनिवार रात एक बार फिर पकड़ियार गांव में तेंदुआ नजर आया। स्थानीय निवासी रामप्यारे की पत्नी ने समय माई मंदिर के पास खड़ंजे पर तेंदुए को बैठे देखा। उसी वक्त तेंदुए ने एक कुत्ते पर झपट्टा मारा, लेकिन टॉर्च की रोशनी पड़ते ही वह झाड़ियों में भाग गया।
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए ने इन गांवों के बाग-बगीचों को सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। कई बार उसके दो शावकों को भी देखे जाने का दावा किया गया है। मेदिनीपुर निवासी जेपी यादव और विजय सिंह ने बताया कि तेंदुए की मौजूदगी का वीडियो वन विभाग को दिखाया गया, लेकिन अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। तेंदुए की दहशत से गांव की गलियां शाम होते ही सूनी हो जाती हैं। लोग अपने बच्चों और मवेशियों को घरों में बंद कर लेते हैं और रातभर पहरा देते हैं।
कोटिया निवासी संतोष यादव के अनुसार, शाम सात बजे के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरते हैं। पकड़ियार निवासी शैलेश उर्फ बबलू सिंह ने बताया कि पकड़ियार-बिशुनपुर से कप्तानगंज मार्ग भी शाम को सुनसान हो जाता है। हर ओर डर का माहौल बना हुआ है। वन विभाग की ओर से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। डिप्टी फॉरेस्टर कासिम अली ने बताया कि तेंदुए का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है, वह लगातार स्थान बदल रहा है। अब पिंजरे को अन्य संभावित स्थानों पर लगाया जाएगा। ग्रामीणों ने विभाग से शीघ्र और ठोस कार्रवाई की मांग की है
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