महराजगंज। परतावल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर भलुही में बच्चियों के रोते हुए वायरल हुए वीडियो मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच के बाद इसे प्रायोजित करार दिया है। जांच में विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कुसुमलता पांडेय को दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, वहीं खंड शिक्षा अधिकारी मुसाफिर सिंह पटेल को पर्यवेक्षणीय लापरवाही को लेकर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
सोमवार को वायरल हुए वीडियो में कुछ छात्राएं स्कूल बंद होने पर रोती हुई नजर आईं थीं और स्कूल खोलने की गुहार लगा रही थीं। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि वीडियो को जानबूझकर रचा गया था। प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों को बरगलाकर वीडियो बनवाया गया, जिससे प्रशासन और सरकार की छवि को धूमिल किया जा सके।
जांच में यह भी पाया गया कि विद्यालय समय से नहीं खोला गया था और वहां नामांकन केवल 32 छात्रों का ही है। नामांकन बढ़ाने हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया। साथ ही, विद्यालय में विभागीय मदों जैसे कम्पोजिट ग्रांट, स्पोर्ट्स अनुदान, टीएलएम, मध्यान्ह भोजन आदि की पंजिकाएं अनुपलब्ध थीं। ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने भी प्रधानाध्यापिका की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए।
बीएसए रिद्धि पांडेय ने स्पष्ट किया कि युग्मन नीति के तहत विद्यालय का विलय नहीं किया गया है और पूर्ववत पठन-पाठन जारी है। इस नीति का उद्देश्य विद्यालय संसाधनों का समुचित उपयोग, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के लिए बेहतर माहौल सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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