भारतीय क्षेत्र से के गावों में बनाया गोदाम
ठूठीबारी। इंडो नेपाल सीमा के लक्ष्मीपुर खुर्द से दिन के उजाले में बेखौफ तस्करी जारी है, बस तस्करों ने तस्करी का ट्रेंड बदल दिया है। पहले तस्कर पिकअप वाहन से सीधे चावल को नेपाल भेज देते रहे। अब तस्कर भारतीय क्षेत्र के गावों में गोदाम अपने समान को डंप कर रहे रहे हैं फिर सैकड़ों की संख्या में बाइक साइकिल से गोदाम में रखे स्टीम चावल, चीनी सहित अन्य तस्करी के सामानों को चौकी से सटे 100 मीटर एसएसबी रोड के रास्ते दिन के उजाले में धड़ल्ले से नेपाल भेज रहे हैं। मौके की नजाकत देखें तो लक्ष्मीपुर खुर्द पौधा नामक जगह में एसएसबी के दो जवानों की तैनाती है। जहां समान से चार, तीन व दो पहिया वाहनों को रोककर मंडी से बने नाइन आर कागज चेक किया जाता है और उसे जाने परमिशन दे दी जाती है।
तस्करी को लेकर लक्ष्मीपुर खुर्द सुर्खियों में
बीते कई वर्षो से तस्करी को लेकर लक्ष्मीपुर खुर्द पुलिस चौकी हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। करीब चार वर्ष पूर्व कैनेडियन मटर सबसे बड़ी बरामदगी के यह नाका सुर्खियों में आया था। जिसके बाद पूरी चौकी को लाइन हाजिर होना पड़ा था। इन दिनों चीनी, दाल, स्टीम चावल आदि बड़े पैमाने पर तस्करी से आस पास के गावों में बड़े गोदाम बनाकर तस्कर इसे सीधे नेपाल भेजकर बड़ा मुनाफा कमा रहे रहे। मजे की बात यह है कि तस्करी के बाबत पूछने पर जिम्मेदार हंसते हुए अपना पल्ला झाड़ लेते है। जबकि इस काम को अंजाम देने में प्रशासन के कुछ नामित गुर्गे तस्करों को लाइन देने के लिए टाइमिंग फिक्स कर दिया गया है। जो तस्करी को अमली जामा पहनाने के लिए हर समय खड़े रहते है।
दोनो देश की तरफ से होती है तस्करी
सीमा पर तस्करी के खेल में तस्कर दोनो देश के सुरक्षा एजेंसियों के आखों में धूल झोंक रहे है। तस्कर जहां भारतीय क्षेत्र से स्टीम चावल, चीनी व दाल नेपाल भेज रहे हैं वहीं नेपाल से चाइनीज लहसुन, चाइनीज लाइटर, मक्का, इलाइची, चाइनीज सेव, किवी फल सहित पाकिस्तानी छुहारा आदि सामानों को भारतीय बाजारों में भेजकर दोहरा मुनाफा कमा रहे है।
इस संबंध में निचलौल क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार सिंह ने बाताया की तस्करी पर पूर्णत रोक लगाने प्रयास किया जा रहा है
इन नाको से हो रही है बड़े पैमाने पर तस्करी
सूत्रों की माने तो झुलनीपुर, बहुआर, कनभिसवां, रेंगहिया, शीतलपुर, खेसरहा फार्म, चालीस कड़िया सहित मर्चहवा बंधा आदि से बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है।
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