महराजगंज। समाजवादी महिला सभा की कार्यकत्रियों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध जताया। महिला जिलाध्यक्ष सत्यभामा सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम संबोधित तीन सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हजारों प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को जबरन मर्ज किया जा रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही लाखों रसोइयों को बेरोजगार कर दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
जिलाध्यक्ष सत्यभामा सिंह ने मांग की कि जिले सहित प्रदेश के सभी विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उन्होंने रसोइयों को पुनः बहाल कर सम्मानजनक मानदेय, स्थायी नियुक्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की भी मांग की। सत्यभामा सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत हर बस्ती में एक किलोमीटर के भीतर प्राथमिक विद्यालय और तीन किलोमीटर के दायरे में उच्च प्राथमिक विद्यालय होना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इसके विपरीत काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि समाज के गरीब और वंचित तबकों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना संविधान और शिक्षा के मूल उद्देश्यों के खिलाफ है। समाजवादी महिला सभा सरकार से आग्रह करती है कि शिक्षा की बुनियादी सुविधाएं हर वर्ग तक पहुंचें और बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जाए। प्रदर्शन के दौरान महिला सभा की सक्रिय सदस्य अंकिता चौधरी, मनोरमा देवी, इन्दु देवी, गीता देवी, रूना देवी और अमिसन निशा समेत कई कार्यकत्रियां मौजूद रहीं। सभी ने एक स्वर में सरकार के फैसले को गरीब विरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
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