रिपोर्टर राजकुमार गुप्ता
ठूठीबारी भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कस्बा में व्यापारियों ने हाल ही में स्थानीय रैन बसेरा में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का उद्देश्य सड़क चौड़ीकरण के संभावित नुकसान और उसके बचाव के उपायों पर चर्चा करना था। बैठक में ठूठीबारी के व्यापारियों ने व्यापक भागीदारी दिखाते हुए इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही महराजगंज से ठूठीबारी तक एनएच 730 एस के चौड़ीकरण को लेकर आयोजित इस बैठक में व्यापारियों ने सड़क चौड़ीकरण के व्यापारिक प्रभावों और इसके संभावित दुष्प्रभावों पर चर्चा की। बैठक में ग्राम प्रधान अजय कुमार ने व्यापारियों को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी और सभी व्यापारियों को मिलकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।" प्रधान के इस बयान पर सभी व्यापारियों ने समर्थन जताया और एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।बैठक में कृष्ण कुमार दुबे ने चिंता जताते हुए कहा कि दो साल पहले ही करोड़ों रुपये की लागत से बाईपास बनाया गया और कस्बे के मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण किया गया था। व्यापारियों ने अभी तक उस परिवर्तन के प्रभावों को पूरी तरह से संभाला भी नहीं था कि अब फिर से सड़क चौड़ीकरण की योजना बन रही है, जिससे व्यापारियों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। दुबे ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि बार-बार बदलाव की वजह से व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो सकते हैं। इस बैठक में व्यापारियों ने एक रणनीति तैयार की और निर्णय लिया कि एक प्रतिनिधिमंडल विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जिले के उच्चाधिकारियों से इस मुद्दे पर गुहार लगाएंगे। यह प्रतिनिधिमंडल सड़क चौड़ीकरण की योजना के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में उन्हें जानकारी देगा और उनके समाधान के लिए सुझाव प्रस्तुत करेगा।
बैठक के दौरान बैजनाथ रौनियार, कृष्णकुमार दुबे, पन्ना वर्मा, गुलाब चंद, पशुपति रौनियार, अतुल रौनियार, असलम राइन, सुरेश, श्रीलाल मद्देशिया, सतीश गुप्ता, राजू मद्देशिया, दिनेश रौनियार, सचिदानंद, विप्लव मद्देशिया और अन्य सैकड़ों व्यापारी उपस्थित थे। इस बैठक में व्यापारी वर्ग ने एकजुट होकर सड़क चौड़ीकरण की योजना के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का संकल्प लिया
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