सोमवती अमावस्या पर महिलाओं ने की पूजा और उपासना
पति की लम्बी उम्र की कमान
ठूठीबारी क्षेत्र में सोमवती अमावस्या व्रती महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। इस दिन को लेकर ग्रामीणों में विशेष उत्साह देखने को मिला। सोमवती अमावस्या पड़ने वाली अमावस्या की तिथि होती है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन व्रति महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-शांति के लिए पूजा करती हैं। व्रती महिलाओं ने अपने-अपने गांवों में स्थित पीपल के वृक्षों पर विधि-विधान से पूजा की। पीपल का वृक्ष का 108 प्रिक्रमा करती है इस रीत को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा अर्चना में प्रमुख स्थान प्राप्त है। महिलाओं ने इस दिन पीपल के वृक्ष को स्नान करवा कर उसे अक्षत, पुष्प, और दीपक अर्पित किए। पूजा के दौरान विशेष मंत्रों
जाप कर विधियों के तहत, महिलाएं 108 बार पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करती हैं, जिसे स्थानीय भाषा में "भँवरी घुम" कहा जाता है। यह परिक्रमा करने के बाद महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। साथ ही, वे परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और सलामती की भी दुआ करती हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसमें महिलाओं की आस्था और विश्वास स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
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